नई दिल्ली- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को यहां संसद भवन के सभागार में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के चित्र वाला 100 रुपए का सिक्का जारी किया। 35 ग्राम वजनी इस सिक्के के एक सिरे पर अटलजी के नाम के साथ उनका चित्र है। नाम अंग्रेजी और देवनागरी में लिखा है। तस्वीर के नीचे अटलजी के जन्म का साल 1924 और मृत्यु का साल 2018 अंकित है।
अशोक स्तंभ के नीचे देवनागरी में लिखा है सत्यमेव जयते
सिक्के के दूसरे सिरे पर अशोक स्तंभ का निशान है। इसमें नीचे सत्यमेव जयते लिखा है। इस सिरे पर नीचे एक तरफ देवनागरी में भारत लिखा है, जबकि दूसरी ओर अंग्रेजी में इंडिया। स्तंभ के नीचे रुपए का निशान और उसकी कीमत 100 अंकित है।
इस मौके पर मोदी ने कहा, "मन यह मानने को तैयार नहीं है कि अटल जी अब हमारे साथ नहीं हैं। वह समाज के सभी वर्गों के प्रति प्रेम रखने वाले और सम्मानित व्यक्ति थे। अटल जी चाहते थे कि लोकतंत्र सर्वोच्च हो।"
मोदी ने कांग्रेस का नाम लिए बगैर कहा, "कुछ लोगों के लिए सत्ता ऑक्सीजन की तरह होती है। वे उसके बिना नहीं जी सकते। वहीं, अटल जी के जीवन का लंबा समय विपक्ष में गुजरा, लेकिन उन्होंने राष्ट्रहीत में हमेशा अपनी बात उठाई। उन्होंने पार्टी के विचारधारा से कभी समझौता नहीं किया।"
मोदी ने कहा, "अटल जी का जीवन आने वाली पीढ़ियों को सार्वजनिक और राष्ट्र जीवन के लिए प्रेरित करेगा। अटल जी ने जो पार्टी बनाई वह सबसे बड़े राजनीतिक दलों में से एक बन गई। कार्यकर्ताओं की एक लंबी पीढ़ी उनके द्वारा तैयार की गई है। एक वक्ता के रूप में वे अद्वितीय थे।"
अटलजी का निधन इसी साल 16 अगस्त को हुआ था। वे 93 साल के थे। अटलजी तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे। उनके सम्मान में कई जगहों के नाम बदले गए हैं। हिमालय की चार चोटियों के नाम भी उनके नाम पर रखे गए। छत्तीसगढ़ के नए रायपुर का नाम अटल नगर रखा गया।
इसके अलावा उत्तराखंड सरकार ने देहरादून एयरपोर्ट का नाम बदलकर अटलजी के नाम पर रखा। उधर, उत्तरप्रदेश सरकार ने भी लखनऊ में हजरतगंज चौराहे का नाम बदलकर अटल चौक रखने का फैसला किया।
सिक्के के दूसरे सिरे पर अशोक स्तंभ का निशान है। इसमें नीचे सत्यमेव जयते लिखा है। इस सिरे पर नीचे एक तरफ देवनागरी में भारत लिखा है, जबकि दूसरी ओर अंग्रेजी में इंडिया। स्तंभ के नीचे रुपए का निशान और उसकी कीमत 100 अंकित है।
इस मौके पर मोदी ने कहा, "मन यह मानने को तैयार नहीं है कि अटल जी अब हमारे साथ नहीं हैं। वह समाज के सभी वर्गों के प्रति प्रेम रखने वाले और सम्मानित व्यक्ति थे। अटल जी चाहते थे कि लोकतंत्र सर्वोच्च हो।"
मोदी ने कांग्रेस का नाम लिए बगैर कहा, "कुछ लोगों के लिए सत्ता ऑक्सीजन की तरह होती है। वे उसके बिना नहीं जी सकते। वहीं, अटल जी के जीवन का लंबा समय विपक्ष में गुजरा, लेकिन उन्होंने राष्ट्रहीत में हमेशा अपनी बात उठाई। उन्होंने पार्टी के विचारधारा से कभी समझौता नहीं किया।"
मोदी ने कहा, "अटल जी का जीवन आने वाली पीढ़ियों को सार्वजनिक और राष्ट्र जीवन के लिए प्रेरित करेगा। अटल जी ने जो पार्टी बनाई वह सबसे बड़े राजनीतिक दलों में से एक बन गई। कार्यकर्ताओं की एक लंबी पीढ़ी उनके द्वारा तैयार की गई है। एक वक्ता के रूप में वे अद्वितीय थे।"
अटलजी का निधन इसी साल 16 अगस्त को हुआ था। वे 93 साल के थे। अटलजी तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे। उनके सम्मान में कई जगहों के नाम बदले गए हैं। हिमालय की चार चोटियों के नाम भी उनके नाम पर रखे गए। छत्तीसगढ़ के नए रायपुर का नाम अटल नगर रखा गया।
इसके अलावा उत्तराखंड सरकार ने देहरादून एयरपोर्ट का नाम बदलकर अटलजी के नाम पर रखा। उधर, उत्तरप्रदेश सरकार ने भी लखनऊ में हजरतगंज चौराहे का नाम बदलकर अटल चौक रखने का फैसला किया।