रानोली की मीणा की ढाणी की घटना, सातवीं क्लास की छात्रा थी, स्कूल बस छूट जाने के कारण घर में थे बच्चे, मां झूला लगवाकर खेत में चली गई थी
सीकर मीणों की ढाणी (रानोली) में बुधवार सुबह दर्दनाक घटना हुई। घर पर ही झूला झूल रही 10 साल की बच्ची फिसल गई। जिससे झूले की रस्सी की फंदा बनकर उसके गले में फंस गई। इससे उसकी मौत हो गई। मृतक बालिका और उसका भाई स्कूल बस निकल जाने के कारण घर पर रुक गए थे। इसलिए मां से जिद कर घर के आंगन में झूला लगवाया था।
पुलिस ने एसके अस्पताल में बालिका का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया। बुधवार सुबह मीणों की ढाणी तन रूपपुरा की आरती (10) पुत्री नंदलाल और उसका भाई स्कूल जाने को लेकर तैयार हुए, लेकिन दाेनों समय पर तैयार नहीं हो सके। इस कारण स्कूल बस निकल गई।
आरती सातवीं क्लास की स्टूडेंट थी। स्कूल बस निकल जाने के बाद दोनों भाई-बहन ने घर पर ही रहने का फैसला किया। इसके बाद दोनों ने मां से झूला झूलने की जिद की। मां ने घर के आंगन में झूला लगवा दिया। इसके बाद मां बकरियां लेकर खेत में चली गई। सुबह नौ बजे आरती और उसका भाई झूला झूल रहे थे।
आरती झूले पर थी और भाई झूला दे रहा था। इस दौरान अचानक आरती झूले से फिसलकर गिरने लगी। झूले की रस्सी आरती की गर्दन में फंस गई। इससे फंदा लगने से आरती की गर्दन टूट गई।
मौके पर मौजूद भाई की चीख-पुकार सुनकर परिजन मौके पर पहुंचे। आरती के गले से फंदा खोला। परिजन निजी वाहन से आरती को एसके अस्पताल लेकर आए। जहां उसे मृत घोषित कर दिया। दोपहर बाद पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया। गांव में बच्ची का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
पढ़ने में होशियार थी आरती
एसके अस्पताल में बेटी की मौत की जानकारी पाकर पिता नंदलाल फूटफूट कर रोने लगा। परिजन उसे ढांढ़स बंधाते रहे। नंदलाल की आंखों के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। नंदलाल गांव में मजदूरी करता है। बेटी आरती पढ़ाई में होशियार थ

पुलिस ने एसके अस्पताल में बालिका का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया। बुधवार सुबह मीणों की ढाणी तन रूपपुरा की आरती (10) पुत्री नंदलाल और उसका भाई स्कूल जाने को लेकर तैयार हुए, लेकिन दाेनों समय पर तैयार नहीं हो सके। इस कारण स्कूल बस निकल गई।
आरती सातवीं क्लास की स्टूडेंट थी। स्कूल बस निकल जाने के बाद दोनों भाई-बहन ने घर पर ही रहने का फैसला किया। इसके बाद दोनों ने मां से झूला झूलने की जिद की। मां ने घर के आंगन में झूला लगवा दिया। इसके बाद मां बकरियां लेकर खेत में चली गई। सुबह नौ बजे आरती और उसका भाई झूला झूल रहे थे।
आरती झूले पर थी और भाई झूला दे रहा था। इस दौरान अचानक आरती झूले से फिसलकर गिरने लगी। झूले की रस्सी आरती की गर्दन में फंस गई। इससे फंदा लगने से आरती की गर्दन टूट गई।
मौके पर मौजूद भाई की चीख-पुकार सुनकर परिजन मौके पर पहुंचे। आरती के गले से फंदा खोला। परिजन निजी वाहन से आरती को एसके अस्पताल लेकर आए। जहां उसे मृत घोषित कर दिया। दोपहर बाद पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया। गांव में बच्ची का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
पढ़ने में होशियार थी आरती
एसके अस्पताल में बेटी की मौत की जानकारी पाकर पिता नंदलाल फूटफूट कर रोने लगा। परिजन उसे ढांढ़स बंधाते रहे। नंदलाल की आंखों के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। नंदलाल गांव में मजदूरी करता है। बेटी आरती पढ़ाई में होशियार थ