स्वास्थ्य विभाग कर रहा मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़
नीमकाथाना: शहर का विकास परवान पर है लेकिन अधिकारियों की सुस्ती उपखंड क्षेत्र के विकास में आड़े आ रही है। महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य योजनाओं के व्यापक प्रसार व नीमकाथाना के विधायक के कुशल नेतृत्व से राजकीय कपिल अस्पताल को जिला अस्पताल का दर्जा मिला। लेकिन वर्तमान समय में राजकीय कपिल जिला चिकित्सालय का हाल पीएचसी से भी बुरा है।
वार्डों में गद्दे फटे, बेड़ों पर बेडशीट तक नहीं
जिले के दूसरे बड़े अस्पताल में वार्डों में कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। दीवारों पर व ठंडी हवा के लिए लगाए गए कूलर पर गुटखो और पान की पीक जमा है। वही शुद्ध पानी के लिए वाटर कूलर की टोंटी के नीचे बनी बाउंड्री पूरी तरह गंदे पानी से भरी हुई है। ऐसे में लोग शुद्ध शीतल पेयजल की सुविधा से वंचित है। वार्ड में भर्ती मरीज ने बताया कि जिला अस्पताल के अंदर बने वार्डों के भीतर बेड पर बेडशीट तक नहीं बिछाई जा रही। ज्यादातर बेड के गद्दे तक फटे पड़े है।
अंधेरे में गुप अस्पताल, मोबाइल टॉर्च से चढ़ाई ड्रिप
बिजली संकट से अस्पताल में मरीजों को ही नहीं स्वास्थ्य कार्मिकों को भी जूझना पड़ रहा है। बिजली कटौती के कारण अस्पताल के वार्डो में अंधेरा छा गया। ऐसे में बिजली के सभी उपकरण बंद हो गए। जिससे स्वास्थ्य कार्मिकों को सहित मरीजों व परिजनों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ा। स्वास्थ्य कार्मिकों ने बिजली कटौती के दौरान मरीजों को मोबाइल की टॉर्च जला कर ड्रिप चढ़ाई।