दबंगों का इतना खौफ न्यायालय आदेश के बाद कब्जा नहीं छोड़ा, 25 साल बाद एसडीएम और तहसीलदार ने ट्रैक्टर से खेत की बुवाई कर दिलाया कब्जा

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नीमकाथाना। पाटन इलाके के मोठूका गांव निवासी एक वृद्धा को करीब 25 वर्ष लंबी कानूनी लड़ाई के बाद प्रशासन ने खातेदारी भूमि पर कब्जा दिलाया। जानकारी के मुताबिक 74 वर्षीय वृद्धा मूर्ति देवी की गांव में खातेदारी भूमि थी। जिसपर दबंगों ने कब्जा कर लिया था। मूर्ति देवी व उसका परिवार अपनी खुद की भूमि पर भी कृषि कार्य नहीं कर पा रहा था। बुधवार को उपखंड अधिकारी बृजेश गुप्ता, तहसीलदार सत्यवीर यादव, नायब तहसीलदार धर्मेंद्र स्वामी पुलिस जाप्ते के साथ मौके पर पहुंचे। जहां मूर्ति देवी की जमीन पर काबिज लोगों को हटाकर उसका कब्जा उसे सौंप दिया। दबंगों के खौफ से मूर्ति देवी की जमीन पर हल चलाने के लिए गांव से कोई ट्रैक्टर चालक राजी नहीं हुआ। इसके बाद उपखंड अधिकारी बृजेश कुमार व तहसीलदार सत्यवीर यादव ने स्वयं ट्रैक्टर से पूरे खेत की बुवाई की। उक्त मामले को लेकर मूर्ति देवी ने 1999 में नीमकाथाना एसीजेएम कोर्ट मैं वाद दायर किया। 18 मई 2001 को न्यायालय ने मूर्ति देवी के पक्ष में फैसला दिया। विरोधी पक्ष इस मामले को रेवेन्यू बोर्ड अजमेर तक ले गये लेकिन मूर्ति देवी ने हार नहीं मानी तथा अपने हक की लड़ाई लड़ती रही। न्यायालय से जीत के बाद भी विरोधियों ने उसे अपना कब्जा नहीं दिया तथा उच्च कोर्ट से उस पर स्थगन आदेश लाते रहे। बाद में मूर्ति देवी ने उपखंड अधिकारी न्यायालय में बंटवारे का दावा पेश किया तथा अपनी जमीन का खाता विभाजन करवा लिया इसके बावजूद भी दबंगों ने उसे जमीन पर कब्जा नहीं करने दिया। इस पूरे प्रकरण के दौरान मूर्ति देवी के पति मानसिंह की सदमे के कारण मौत हो गई थ। वहीं उसका इकलौता पुत्र दबंगों के डर से गांव छोड़कर जयपुर रहने लगा था। मूर्ति देवी ने उम्र अधिक होने के बावजूद हार नहीं मानी तथा अपनी लड़ाई लड़ती रही और उसमें सफल भी हुई।

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