अन्तिम यात्रा में सैकड़ों लोगों ने लगाए भीमाराम अमर रहे के नारे
नीमकाथाना। कस्बे में स्थित ढाणी पुछलावाली के डेढ़ माह से बीमार चल रहे बीएसएफ एएसआई भीमाराम जाखड़ का ईलाज के दौरान मृत्यु हो गई। रविवार को पार्थिक शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचा। जहां राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। जानकारी के मुताबिक जाखड़ के पिछले डेढ़ माह से पित्त की थैली में गांठ की बीमारी का इलाज चल रहा था। इसी दौरान उनकी जयपुर हॉस्पिटल में मृत्यु हो गई। जयपुर से आई 126वी बटालियन के जवानों ने राजकीय सम्मान के साथ गॉड ऑफ ऑनर दिया। इसके बाद इकलौते पुत्र प्रमोद कुमार ने मुखाग्नि दी।
जाखड़ जैसलमेर में थे तैनात
भीमाराम 1 जून 1988 को बीएसएफ में भर्ती हुए थे। वर्तमान में मृत्यु से पहले इनकी ड्यूटी जैसलमेर जिले के भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर थी। नवंबर को 28 दिन की छुट्टी आए थे। उसके बाद में उन्होंने 60 दिन की छुट्टी और ले ली थी। छुट्टी बढ़ने के बाद यह अचानक से बीमार हो गए थे। जयपुर करीब डेढ़ महीने इलाज चला लेकिन अफसोस कि इनका जीवन बीमारी के कारण नहीं बच पाया।
परिवार की थी जिम्मेदारी
जाखड़ के परिवार में उनकी पत्नी अर्चना देवी, दो बेटी जिनका नाम नीतू और सरिता, इकलौता एक बेटा प्रमोद कुमार है, जो फिलहाल वर्तमान में परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है। जवान की परिवार की जिम्मेदारी थी।
परिवार को बीएसएफ से मिलेगी मदद
जयपुर से आए बीएसएफ 126वी बटालियन सूबेदार मेजर भीमसिंह ने बताया कि हमें अचानक सूचना मिली कि हमारे दूसरी बटालियन के साथी की बीमारी के कारण मृत्यु हो गई है। प्रोटोकॉल के तहत राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार में भाग लिया। बीएसएफ की तरफ से को भी मदद होगी परिवार की जाएगी।
गांव व परिवार में शोक की लहर
मृतक के चाचा के लड़के ओमप्रकाश एसबीआई प्रबंधक झुंझुनू में सेवारत है उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि हमारे ताऊ के दो लड़के थे। बड़े भाई गिरधारी लाल नीमकाथाना जेल में जेलर थे लेकिन कुछ वर्ष पूर्व उनकी भी मृत्यु हो चुकी। जिसके बाद में आज हमारे भीमाराम का भी बीमारी के कारण देहांत हो गया। जिससे पूरा परिवार बहुत आहत और दुखी हैं। ये कहते हुए ओम प्रकाश भाव विभोर होकर आंखों में आंसू आ गए।
गांव में शोक, अंतिम यात्रा में अमर रहे के नारे लगाए
बीएसएफ में एएसआई पद पर रहते हुए नीमकाथाना के इस बहादुर जवान ने बहुत अच्छे कार्य किए। आज लंबी बीमारी के बाद इनका देहांत हो गया। जिसके बाद गांव में खबर फैलते ही गांव वाले भी जवान के घर के पास और सैकड़ों की संख्या अंतिम यात्रा में लोगों ने भाग लिया। अन्तिम यात्रा में भीमाराम अमर रहेगा आदि नारों का उद्घोष किया।
अन्तिम यात्रा में रहे मोजूद
अन्तिम यात्रा में गोडावास सरपंच प्रतिनिधि मेजर, सामाजिक कार्यकर्ता फौजी राजेश यादव, भाजपा पदाधिकारी प्रमोद बाजोर, रामजीलाल चनानिया, प्रहलाद महराणिया, रणजीत महराणिया, हंसराज सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।