इंद्रपुरा (झुंझुनूं). नांगल कोट गांव के पास भारू की ढाणी के पास पहाड़ियों के गहरे जंगल में शनिवार को एक बघेरे का शव मिला है। वन अधिकारियों के मुताबिक बघेरे की मौत 7-8 दिन पहले हुई होगी।
रेंजर रणवीरसिंह वनरक्षक सुरेशकुमार, रेंजर मदनलाल आदि के मुताबिक ऐसे कोई सबूत नहीं मिले हैं कि बघेरे का शिकार किया गया हो। मौत का कारण क्या हो सकता है, पोस्टमार्टम के बाद ही पता चल पाएगा। वन विभाग की टीम मृत बघेरे को इंद्रपुरा नर्सरी में पोस्टमार्टम के लिए लेकर आई। वन्य जीव गणना के मुताबिक झुंझुनूं जिले में कोई बघेरा नहीं है। सीकर जिले की गणना में दो बघेरे हैं।
कोट, लोहार्गल इलाके में जिस जगह बघेरा मृत मिला वह इलाका सीकर-झुंझुनूं बॉर्डर पर पड़ता है। हो सकता है, मृत बघेरा उन दो में से एक हो। सीकर-झुंझुनूं की पहाड़ी शृंखलाएं आपस में जुड़ी होने के कारण ये बघेरे झुंझुनूं सीमा के जंगल में भी घूमते रहते हैं।
रेंजर रणवीरसिंह वनरक्षक सुरेशकुमार, रेंजर मदनलाल आदि के मुताबिक ऐसे कोई सबूत नहीं मिले हैं कि बघेरे का शिकार किया गया हो। मौत का कारण क्या हो सकता है, पोस्टमार्टम के बाद ही पता चल पाएगा। वन विभाग की टीम मृत बघेरे को इंद्रपुरा नर्सरी में पोस्टमार्टम के लिए लेकर आई। वन्य जीव गणना के मुताबिक झुंझुनूं जिले में कोई बघेरा नहीं है। सीकर जिले की गणना में दो बघेरे हैं।
कोट, लोहार्गल इलाके में जिस जगह बघेरा मृत मिला वह इलाका सीकर-झुंझुनूं बॉर्डर पर पड़ता है। हो सकता है, मृत बघेरा उन दो में से एक हो। सीकर-झुंझुनूं की पहाड़ी शृंखलाएं आपस में जुड़ी होने के कारण ये बघेरे झुंझुनूं सीमा के जंगल में भी घूमते रहते हैं।