जुनून-बचपन मे दोनों आंखों की रोशनी जाने के बाद भी पाटन के अजरुद्दीन ने 12वीं में 80 प्रतिशत अंक हांसिल कर परिजनों का नाम रोशन किया

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10वीं क्लास में भी 80 प्रतिशत अंक मिले थे
पाटन- कस्बे में वार्ड न. 5 के अजरूददीन पुत्र फैमुद खां दिव्यांग होने के बावजूद भी मन में जुनुन लेकर पढाई का रास्ता अख्तयार कर 12 वीं बोर्ड में 80 प्रतिशत अंक प्राप्त कर एक मिशाल कायम की है। अजरूददीन की बचपन में दोनो आंखे चली गई थी परिजनो ने दर्जन भर चिकित्सको से ईलाज भी लिया परन्तु अजरूददीन की आंखो की रोशनी नही लौटी। जब पडोस के बच्चे स्कुल जाते थे तो अजरूददीन भी पढाई की जिद करने लगा।
दिव्यांग अजरुद्दीन
इस पर परिवार वालो ने नेत्रहीन कल्याण संध जयपुर में अजरू का दाखिला करवा दिया। अजरूददीन 10वीं बोर्ड में भी 80 प्रतिशत अंक लेकर आये तथा 12वीं के परीक्षा परिणाम में भी 80 प्रतिशत अंक प्राप्त किये है। अजरूददीन ने बताया कि नेत्रहीन होने के कारण मै सारे कार्य कर लेता हुं तथा मोबाईल, कम्प्यूटर आदि चला लेता हुं। अजरू ने समाज के युवा वर्ग को मैसेज दिया है कि अगर आप मै जुनुन है तो सफलता अपने आप ही आपके कदम चुमेगी। अजरू के पिता फैमुद खां पढे लिखे नही है परन्तु अपने नेत्रहीन पुत्र को पढाने के लिए दिन रात मेहनत कर उसे पढा रहे है।  

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