जयपुर: राजस्थान में स्वाइन फ्लू का वायरस बारिश की नमी के कारण फिर से सक्रिय हो गया है। स्वाइन फ्लू का वायरस ने मई व जून की गर्मी में लोगो में खूब खलबली मचाई थी। अब स्थिति ऐसी है कि लगातार स्वाइन फ्लू के मामले सामने आते जा रहे है।
पिछले छह दिन की बात करें तो प्रदेश भर में स्वाइन फ्लू के 19 नए मामले सामने आ चुके हैं। इससे चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अफसरों में खलबली मची हुई है। वहीं चिकित्सा अधिकारी इस बात को लेकर भी चिंतित हैं कि कहीं बारिश के इस मौसम में स्वाइन फ्लू के पॉजीटिव मरीजों की सँख्या स्वाइन गर्मी के महीनों की तरह नहीं बढ़ जाए।
चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग में खलबली
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश में जैसे ही बारिश का मौसम शुरू हुआ वैसे ही बढ़ रही नमी के कारण स्वाइन फ्लू के मामले भी बढ़ कर आने लगे। शुरूआती दौर में तो एक दो जिलों में स्वाइन फ्लू के मामले सामने आए लेकिन अब लगभग सभी जिलों में स्वाइन फ्लू के पॉजीटिव मरीज देखने को मिल रहे हैं। स्थिति कुछ ऐसी है कि जहां प्रदेश में 4 अगस्त को स्वाइन फ्लू के पॉजीटिव मरीजों की संख्या 444 थी। वहीं 9 अगस्त को यह संख्या बढ कर 465 तक पहुंच गई है। इससे पूरे स्वास्थ्य महकमें में खलबली मची हुई है।
सर्दियों में भी सक्रिय रह सकता है वायरस
विभाग के अधिकारियों का यह भी अंदेशा है कि अभी बारिश के मौसम में नमी की वजह से स्वाइन फ्लू का वायरस सक्रिय है। आने वाली सर्दी में कम तापमान में यह फिर से सक्रिय हो जाएगा। इससे वर्ष भर वायरस सक्रिय रह सकता है। हालांकि इस मामले पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का मानना है कि अब स्वाइन फ्लू के प्रति लोग जागरूक हैं जिससे लक्षण सामने आते ही अस्पताल पहुंच कर स्क्रीनिंग कराते हैं। उनको समय रहते तत्काल उपचार मिलता है जिससे वे गंभीर स्थिति में जाने से पहले ही ठीक हो रहे है।
स्वाइन फ्लू के लक्षण
जब लोग स्वाइन फ्लू के वायरस से संक्रमित होते हैं, तो उनके लक्षण आमतौर पर मौसमी इन्फ्लूएंजा के लोगों के समान ही होते हैं। इसमें बुखार, तेज ठंड लगना, गला खराब हो जाना, मांसपेशियों में दर्द होना, तेज सिरदर्द होना, खाँसी आना, कमजोरी महसूस करना आदि लक्षण शामिल हैं। कुछ लोगों को उल्टी और दस्त भी हो सकते हैं । बहरहाल, कई मामलों में इन्फ्लूएंजा ए (H1N1) के लक्षण हल्के रहे हैं और अधिकाँश लोग पूरी तरह ठीक भी हुए हैं।
स्वाइन फ्लू के समय क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए
सामान्य स्वाइन फ्लू के दौरान अगर सावधानी बरती जाये तो ये वायरस कम प्रभावी होता है। स्वाइन फ्लू के दौरान बार-बार अपने हाथों को साबुन से धोएं नाक और मुँह को हमेशा मॉस्क पहन ढक कर रखें। इसके अलावा जब जरूरत हो तभी आम जगहों पर जाना चाहिए ताकि संक्रमण ना फैल सके।
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पिछले छह दिन की बात करें तो प्रदेश भर में स्वाइन फ्लू के 19 नए मामले सामने आ चुके हैं। इससे चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अफसरों में खलबली मची हुई है। वहीं चिकित्सा अधिकारी इस बात को लेकर भी चिंतित हैं कि कहीं बारिश के इस मौसम में स्वाइन फ्लू के पॉजीटिव मरीजों की सँख्या स्वाइन गर्मी के महीनों की तरह नहीं बढ़ जाए।
चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग में खलबली
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश में जैसे ही बारिश का मौसम शुरू हुआ वैसे ही बढ़ रही नमी के कारण स्वाइन फ्लू के मामले भी बढ़ कर आने लगे। शुरूआती दौर में तो एक दो जिलों में स्वाइन फ्लू के मामले सामने आए लेकिन अब लगभग सभी जिलों में स्वाइन फ्लू के पॉजीटिव मरीज देखने को मिल रहे हैं। स्थिति कुछ ऐसी है कि जहां प्रदेश में 4 अगस्त को स्वाइन फ्लू के पॉजीटिव मरीजों की संख्या 444 थी। वहीं 9 अगस्त को यह संख्या बढ कर 465 तक पहुंच गई है। इससे पूरे स्वास्थ्य महकमें में खलबली मची हुई है।
सर्दियों में भी सक्रिय रह सकता है वायरस
विभाग के अधिकारियों का यह भी अंदेशा है कि अभी बारिश के मौसम में नमी की वजह से स्वाइन फ्लू का वायरस सक्रिय है। आने वाली सर्दी में कम तापमान में यह फिर से सक्रिय हो जाएगा। इससे वर्ष भर वायरस सक्रिय रह सकता है। हालांकि इस मामले पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का मानना है कि अब स्वाइन फ्लू के प्रति लोग जागरूक हैं जिससे लक्षण सामने आते ही अस्पताल पहुंच कर स्क्रीनिंग कराते हैं। उनको समय रहते तत्काल उपचार मिलता है जिससे वे गंभीर स्थिति में जाने से पहले ही ठीक हो रहे है।
स्वाइन फ्लू के लक्षण
जब लोग स्वाइन फ्लू के वायरस से संक्रमित होते हैं, तो उनके लक्षण आमतौर पर मौसमी इन्फ्लूएंजा के लोगों के समान ही होते हैं। इसमें बुखार, तेज ठंड लगना, गला खराब हो जाना, मांसपेशियों में दर्द होना, तेज सिरदर्द होना, खाँसी आना, कमजोरी महसूस करना आदि लक्षण शामिल हैं। कुछ लोगों को उल्टी और दस्त भी हो सकते हैं । बहरहाल, कई मामलों में इन्फ्लूएंजा ए (H1N1) के लक्षण हल्के रहे हैं और अधिकाँश लोग पूरी तरह ठीक भी हुए हैं।
स्वाइन फ्लू के समय क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए
सामान्य स्वाइन फ्लू के दौरान अगर सावधानी बरती जाये तो ये वायरस कम प्रभावी होता है। स्वाइन फ्लू के दौरान बार-बार अपने हाथों को साबुन से धोएं नाक और मुँह को हमेशा मॉस्क पहन ढक कर रखें। इसके अलावा जब जरूरत हो तभी आम जगहों पर जाना चाहिए ताकि संक्रमण ना फैल सके।

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