नीमकाथाना बना जिला! आजादी के 5 साल बाद से जिला बनाने का संघर्ष, 2023 में पूरा, क्षेत्र की जनता की आस पूरी, पटाखे फोड़े, मिठाईयां बांटी

0
नीमकाथाना: नीमकाथाना जनता को 1952 से जिले की आस जगी थी, जो 2023 में पूरी हुई, यहां के स्थानीय नेताओं द्वारा बहुत बार प्रयास किया गया था जिसको लेकर मुख्यमंत्री गहलोत ने अचानक एक साथ 19 जिलों की घोषणा कर सबको चौंका दिया। 
ज्ञापन से लेकर पदयात्रा निकाली
अपने हक और अधिकारों को लेकर कई आंदोलन, ज्ञापन, अनशन और पैदल यात्रा तक निकाली गई थी। वर्तमान विधायक सुरेश मोदी को भी अपनी ही सरकार के सामने सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ा था। जिला बनाओ संघर्ष समिति के बैनर तले 2 जनवरी को नीमकाथाना से जयपुर कूच कर ज्ञापन सौंपा गया था।  

1952 से यूं चला अबतक का संघर्ष

सबसे पहले सन् 1952 में प्रथम विधायक रहे कपिलदेव मोदी ने विधानसभा में नीमकाथाना को जिला बनाने का प्रस्ताव भेजा। यहीं से नीमकाथाना को जिला बनाने की कयावाद शुरू हुई। नीमकाथाना को जिला बनाओ अभियान का सबसे बड़ा योगदान रहा स्व ओमप्रकाश सांई का जो कि सन् 1986 से संघर्ष करना शुरू किया। अनशन किए, ज्ञापन सौंपे, जयपुर पहुंचे लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिल पाया। संघर्ष करते करते आखिर ओमप्रकाश सांई ने 24 अगस्त 2018 को  निधन हो गया। जिसके बाद जिले की हर चुनावी घोषणा में जिले की मांग चलती रही। 

2003 में जयपुर में दिया था धरना, आश्वासन मिला
इन्होने वर्ष 1986 में नीमकाथाना को जिला बनाने का प्रचार शुरू किया। 1997 में पूर्व विधायक रहे मोहनलाल मोदी के समक्ष जिले का मुद्दा उठाया। 2003 में भी ओमप्रकाश ने जयपुर में धरना दिया बाद में झुंझनू की पूर्व विधायक ने इनसे जिला बनवाने का आश्वासन देते हुए धरना बंद करवाया।

2006 में पैदल यात्रा, आश्वासन मिला

2006-07 में फिर एक बार नीमकाथाना की जनता ने इनके नेतृत्व में सरकार के कानो तक आवाज पहुंचाने के लिए जिला बनाने की मांग को लेकर नीमकाथाना से जयपुर तक पैदल मार्च कर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को ज्ञापन सौंपा। तब भी इनको और नीमकाथाना की जनता को तत्कालीन विधायक प्रेमसिंह बाजौर के आश्वासन के सिवाय कुछ ना मिल सका।

2012 में मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपे

वर्ष 2012 में रमेश खंडेलवाल द्वारा अशोक गहलोत की सरकार को ज्ञापन दिया गया। इस वर्ष भी लोगो ने सोशल मीडिया के माध्यम से कैम्पेन चलाया लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात रहा।

स्व ओम प्रकाश सांई का सपना हुआ साकार
जानकारी के मुताबिक स्व सांई ने जिले की मांग को लेकर काफी संघर्ष किया। संघर्ष करते करते अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। मुख्यमंत्री गहलोत ने जिले की मांग को स्वीकार कर क्षेत्र की जनता को खुश कर दिया। इधर, सोशल मीडिया पर साईं की मूर्ति लगाने को लेकर दिनभर चर्चा रही।

पटाखे फोड़े, मिठाईयां बांटी

जिले की घोषणा के बाद विधायक सुरेश मोदी के कार्यालय पर कार्यकर्ताओं ने पटाखे फोड़े मिठाईयां बांटी। डीजे पर नाचते हुए खुशी जाहिर की। रामलीला मैदान चौराहे पर भी आतिश बाजी की गई। इधर पूर्व विधायक रमेश खंडेलवाल कार्यकर्ताओं के खुशी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री का आभार जताया।

Post a Comment

0Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
Post a Comment (0)
Neemkathana News

नीमकाथाना न्यूज़.इन

नीमकाथाना का पहला विश्वसनीय डिजिटल न्यूज़ प्लेटफॉर्म..नीमकाथाना, खेतड़ी, पाटन, उदयपुरवाटी, श्रीमाधोपुर की ख़बरों के लिए बनें रहे हमारे साथ...


#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !