नीमकाथाना- ग्राम टोडा (दरीबा) के ग्रामीण चारागाह भूमि बचाने के लिए दो साल से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। अब ग्रामीणों ने इस बाबत प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखा है। पत्र में अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई करवाने की मांग की गई है।
अब तक प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं होने पर ग्रामीणों ने इस बार दीपावली नहीं मनाने का निर्णय लिया है। गौरतलब है कि पिछले वर्ष भी अवैध खनन के विरोध में दीपावली पर यहां दीपक नहीं जले थे।
ग्रामीणों का आरोप है कि टोडा व उसके आसपास की चारागाह भूमि पर खनन के लिए अवैध रूप से लीज आवंटित की गई है। धरनार्थी उन लीजों को रद्द कर कार्यवाही की मांग 2015 से कर रहे हैं। इसके विरोध स्वरूप मुख्यमंत्री व खान मंत्री के पुतले भी जलाए गए थे।
धरने मने महिलाएं भी शामिल
दो अक्टूबर 2015 को ग्रामीणों ने दाऊधाम के संत बलदेवदास के सानिध्य में पहला धरना शुरू किया था। अब ग्रामीण टोडा के बस स्टैंड के नजदीक धरने पर बैठे हैं।
यहां कई सभाएं भी हुई। उनमें अवैध खनन के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे जयरामसिंह तंवर भी शामिल हुए हैं। धरने पर महिलाएं भी बैठती हैं। मांग है कि चारागाह में लीज देना गलत है। ऐसी स्वीकृत सभी लीज बंद होनी चाहिए।
अब तक प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं होने पर ग्रामीणों ने इस बार दीपावली नहीं मनाने का निर्णय लिया है। गौरतलब है कि पिछले वर्ष भी अवैध खनन के विरोध में दीपावली पर यहां दीपक नहीं जले थे।
ग्रामीणों का आरोप है कि टोडा व उसके आसपास की चारागाह भूमि पर खनन के लिए अवैध रूप से लीज आवंटित की गई है। धरनार्थी उन लीजों को रद्द कर कार्यवाही की मांग 2015 से कर रहे हैं। इसके विरोध स्वरूप मुख्यमंत्री व खान मंत्री के पुतले भी जलाए गए थे।
धरने मने महिलाएं भी शामिल
दो अक्टूबर 2015 को ग्रामीणों ने दाऊधाम के संत बलदेवदास के सानिध्य में पहला धरना शुरू किया था। अब ग्रामीण टोडा के बस स्टैंड के नजदीक धरने पर बैठे हैं।
यहां कई सभाएं भी हुई। उनमें अवैध खनन के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे जयरामसिंह तंवर भी शामिल हुए हैं। धरने पर महिलाएं भी बैठती हैं। मांग है कि चारागाह में लीज देना गलत है। ऐसी स्वीकृत सभी लीज बंद होनी चाहिए।