नीमकाथाना में भी देख़ने को मिला चक्का जाम का असर, आज सबको एक बजने का इंतजार

0
सीकर: प्रदेश में किसानों का महा पड़ाव रुकने का नाम नहीं ले रहा है। इधर चक्का जाम से जनता त्रस्त तो तो उधर सरकार किसानों से बात कर कोई नतिजे पर नहीं पहुंची है। सरकार किसानों को हलके में ले रही है जिससे आंदोलन बढ़ता ही जा रहा है। कल भी किसानो ने कर्ज माफी सहित 11 मांगों को लेकर प्रदेश भर में चक्का जाम रखा।

नीमकाथाना में भी देख़ने को मिला चक्का जाम का असर, आज सबको एक बजने का इंतजार
source- google

मंगलवार शाम 5 बजे जयपुर में मंत्री समूह और किसान नेताओं के बीच तीन घंटे वार्ता चली, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाया। कर्जमाफी और स्वामी नाथावन आयोग की रिपोर्ट के अलावा सभी बातों पर सहमति जरूर बनी।

दोनों मांगों को लेकर आज बुधवार दोपहर एक बजे फिर से बातचीत होगी। सभी को इस वार्ता का इंतजार है, क्योंकि वार्ता के बाद ही तय होगा कि किसानों का कर्जमाफ हो गया नहीं। किसान भी वार्ता के बाद घोषणा करेंगे कि चक्काजाम खत्म होगा या नहीं।

इससे पहले मंगलवार को हुई बैठक में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी बैठक में पल-पल की जानकारी मुख्यमंत्री को फोन के जरिए देते रहे। वित्त विभाग मुख्यमंत्री वसुंधराराजे के पास ही है। यदि कर्ज माफी की जाती है तो सरकार पर करीब 40 हजार करोड़ तक का बोझ पड़ सकता है।

बुधवार को मंत्री अधिकारियों के साथ बैठक करके मुख्यमंत्री को रिपोर्ट करेंगे। इसके बाद ही कोई फैसला हो सकता है। सरकार कोशिश करेगी कि नेताओं को कमेटी की रिपोर्ट पर मना लिया जाए, लेकिन नेता झुकने को तैयार नहीं है। इसलिए वार्ता के दो या तीन दौर भी हो सकते हैं। बुधवार को सरकार और किसानों के बीच समझौते की उम्मीद है।

नीमकाथाना में भी देखने को मिला जाम का असर

नीमकाथाना में किसानों ने गुहाला व चला में हाईवे रोका और प्रदर्शन किया। खेतड़ी मोड़ पर ही जयपुर की बसों को रोक लिया गया। जिससे लोगों को काफी दिक्क्तों का सामना करना पड़ा। किसानों ने सरकार विरोधी नारे लगाए। यहां किसान सोमवार देर रात को ही सड़क रोक कर बैठ गए। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने सुबह शीशम का पेड़ उखाड़ कर सड़क पर डाल दिए।

सरकार और किसानों के बीच सम्पूर्ण सहमति नहीं बनी

कर्जमाफी : मंत्रियों ने महाराष्ट्र, यूपी आदि राज्यों की कर्ज माफी का पैटर्न मीटिंग में रखते हुए कहा कि वहां घोषणा हुई है, लेकिन पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि किस किसान को कितना फायदा होगा। प्रदेश के किसान इस तरह असमंजस में न रहे। इसलिए मामले पर पूरा अध्ययन करने और बेस लाइन तय करके ही कोई फैसला लिया जाएगा।

स्वामीनाथन रिपोर्ट व अन्य मांग : मंत्री समूह ने इस संबंध में केंद्र को चिट्ठी लिखने का आश्वासन दिया। बाकी मांगों पर सरकार ने सहानुभूति जताते हुए किसानों के पक्ष में विचार करने की बात कही। पेंशन के मामले में कहा गया कि 58 साल से ज्यादा उम्र वालों को 500 रुपए पेंशन दी जा रही है। इसे सम्मानजनक करने का प्रयास किया जाएगा।

दो मांगों पर सहमति : वार्ता में तय हुआ कि मूंगफली और मूंग की लागत के डेढ़ गुना मूल्य पर खरीद की जाएगी। वहीं एससी-एसटी के स्टूडेंट्स की बकाया छात्रवृति भुगतान के लिए एक हफ्ते में आदेश कर दिया जाएगा।

किसान चाहते हैं स्पष्ट फैसला

किसी भी मांग पर मंत्री समूह स्थिति स्पष्ट नहीं कर पाया। सरकार सिर्फ आश्वासन के भरोसे किसानों से समझौता करना चाह रही है, लेकिन किसान मांगों पर स्पष्ट फैसले के साथ बात करना चाहते हैं।

फैसला नहीं हो पाने के पीछे सरकार के चार मंत्री जिम्मेदार

फैसला नहीं होने के पीछे चार मंत्री प्रभुलाल सैनी, अजय किलक, पुष्पेंद्रसिंह और डॉ. रामप्रताप जिम्मेदार हैं। ये मंत्री फैसला लेने की स्थिति में नहीं थे। इसीलिए हर मांग पर विचार का आश्वासन ही दे पाए। सवाल इसलिए भी है कि 24 घंटे से ज्यादा का समय मिलने के बाद भी कर्ज माफी को लेकर फाइनल रिपोर्ट तैयार नहीं की जा सकी। जबकि सरकार चाहती तो पूरी रिपोर्ट तैयार करके किसानों को मनाने की कोशिश हो सकती थी। रोडवेज के चक्का जाम को रोकने के लिए भी मंत्री युनूस खान रात 11 बजे तक बैठक कर रहे थे। किसानों के मामले में भी ऐसा हो सकता था।

Post a Comment

0Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
Post a Comment (0)
Neemkathana News

नीमकाथाना न्यूज़.इन

नीमकाथाना का पहला विश्वसनीय डिजिटल न्यूज़ प्लेटफॉर्म..नीमकाथाना, खेतड़ी, पाटन, उदयपुरवाटी, श्रीमाधोपुर की ख़बरों के लिए बनें रहे हमारे साथ...


#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !