नीमकाथाना शहर में लाखों रुपए की लागत से बना रोडवेज बस स्टैंड राजनीति का शिकार हो रहा है। इसका खामियाजा जनता को तो भुगतना पड़ ही रहा है साथ ही रोडवेज बस चालकों को भी परेशान होना पड़ रहा है। रात के समय शहर के आसपास 2 किलोमीटर क्षेत्र में होटल ढाबों के सामने तो कहीं पर सड़क के किनारे रोडवेजबसों की कतार खड़ी नजरआती हैं। कारण यह है कि अलग-अलग डीपो से आने वाली दर्जनों बसों का रात के समय नीमकाथाना में स्टे रहता है।
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नीमकाथाना में डीपो का इस्तेमाल नहीं होने से बस चालकों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है सबसे ज्यादा उन महिला कंडक्टरों को समस्या होती है जिनका स्टे रात को नीमकाथाना में आ जाता है। अगर रोडवेज बस डिपो शुरू हो जाए तो चालक बस को डिपो में खड़ी कर अच्छी तरह से आराम कर सुबह अपने समय पर गंतव्य की ओर रवाना हो जाएँ।
बस डिपो का नहीं खुलने का कारण भगत सिंह चौक भी है। रोडवेज के गुप्त सूत्रों ने बताया किभगत सिंह चौक पर निजी बस खड़ी होने के कारण यात्री बस डीपो नहीं पाते हैं इसे रोडवेज को राजस्व का नुकसान उठाना पड़ता है। अगर प्रशासन रुचि लेकर चौक से निजी बसों का रुकना बंद कर दे तो शायद डिपो में रोडवेज बस जाना शुरू होजाएँ।
जोड़ला जोहड़ा का प्रस्ताव
तत्कालीन जिला कलेक्टर के निरिक्षण के दौरान भगत सिंह चौक पर रुक रही बसों को जोड़ला जोहड़ा में सिफ्ट करने का स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिए गए थे उस दौरान कलेक्टर ने डिपो व जोहड़े का निरीक्षण भी किया था। लेकिन आज तक धरातल पर कोई कार्य दिखाई नहीं दे रहा है।
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नीमकाथाना में डीपो का इस्तेमाल नहीं होने से बस चालकों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है सबसे ज्यादा उन महिला कंडक्टरों को समस्या होती है जिनका स्टे रात को नीमकाथाना में आ जाता है। अगर रोडवेज बस डिपो शुरू हो जाए तो चालक बस को डिपो में खड़ी कर अच्छी तरह से आराम कर सुबह अपने समय पर गंतव्य की ओर रवाना हो जाएँ।
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बेकार पड़े बस डीपो के परिसर में खेलते छात्र। source- google images |
जोड़ला जोहड़ा का प्रस्ताव
तत्कालीन जिला कलेक्टर के निरिक्षण के दौरान भगत सिंह चौक पर रुक रही बसों को जोड़ला जोहड़ा में सिफ्ट करने का स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिए गए थे उस दौरान कलेक्टर ने डिपो व जोहड़े का निरीक्षण भी किया था। लेकिन आज तक धरातल पर कोई कार्य दिखाई नहीं दे रहा है।

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