हजारों लोगों ने एसएसबी हवलदार भवानी सिंह को नम आंखों से दी विदाई, 4 वर्षीय बेटे नितिन ने दी मुखाग्नि

0

सीआरपीएफ में तैनात बहिन बिमला ने भाई को दी सलामी, राजकीय सम्मान के साथ की अंत्योष्टि, तिरंगा यात्रा के साथ पार्थिक देह पर जगह जगह की पुष्प वर्षा, हृदय गति रुक जाने के कारण से हुआ निधन

नीमकाथाना(मनीष टांक)- सिरोही कस्बे की ढाणी आशावाली में जम्मू कश्मीर में तैनात एसएसबी मे हैड कांस्टेबल भवानी सिंह लांबा सोमवार को वीरगति को प्राप्त हो गए। बुधवार सुबह जिनका पार्थिक देह नीमकाथाना से सिरोही गांव रवाना हुई। हजारों की संख्या में तिरंगा यात्रा के साथ पार्थिक देह पर जगह जगह पुष्प वर्षा की गई।

हजारों लोग भवानी सिंह अमर रहे के नारे लगाते हुए ढाणी आशावाली अपने घर पहुंचे। वहां से राजकीय सम्मान के साथ अंत्योष्टि की गई। श्रीनगर इंस्पेक्टर धर्माराम ने बताया कि सोमवार 8 नवम्बर की सुबह परेड करते समय भवानी सिंह लांबा के हाथ में दर्द हुआ जिसके बाद उनको कैंप में ले जाया गया। जहां उनको अस्पताल में भर्ती किया। चिकित्सकों के मुताबिक हृदय गति रुक जाने के कारण से उनका देहांत हो गया। पार्थिक शरीर को जम्मू कश्मीर से फ्लाइट द्वारा दिल्ली हैड क्वार्टर लाया गया। जहां से 14 जवानों के साथ जवान का पार्थिक शरीर मंगलवार रात को नीमकाथाना पहुंचा। 

लांबा जम्मू कश्मीर में एसएसबी में 14वीं बटालियन बरगांव में हैड कांस्टेबल के पद पर तैनात थे। बुधवार सुबह साढ़े 8 बजे हजारों की संख्या में पैतृक गांव सिरोही से उनके निवास तक तिरंगा रैली निकाली गई। लांबा की बहिन सीआरपीएफ में तैनात बिमला ने अपने भाई को सलामी देकर अंतिम बिदाई दी। लांबा के पुत्र नितिन ने अपने पिता को मुखाग्नि दी। मोक्ष धाम में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। लांबा के भाई धर्मपाल लांबा को सेना के अधिकारी ने तिरंगा सौंपा। इस दौरान सिरोही कस्बा पूर्णतया बंद रहा। 

लांबा 14 नवंबर को आने वाले थे घर

जानकारी के मुताबिक भवानी सिंह लांबा अपने परिजनों के पास 14 नवम्बर को छुट्टी लेकर आने वाले थे, लेकिन परिजनों को क्या पता था कि छुट्टी आने के छः दिन पहले उनका दुखद समाचार मिल जायेगा। इस समाचार से परिजनों सहित क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ पड़ी।

मई माह में आए थे छुट्टी

परिजनों ने बताया कि भवानी सिंह लांबा एक से 30 मई एक माह की छुट्टी बिताकर गए थे। जाने से पूर्व जल्द आने की बात कही थी। लेकिन पांच माह बाद उनकी पार्थिक देह ही घर आ गई।

जवान के एक बेटा व एक बेटी

लाम्बा के दो संतान हैं 4 वर्षीय नितिन(4) व पुत्री भूमिका(7) हैं। वहीं तीन बहने हैं। जिनमें बड़ी कंचन अध्यापक है और बिमला जो कि सीआरपीएफ में देश की सेवा कर रही है। सबसे छोटी बहिन कमला है। पत्नी सलोचना देवी, माता सोनी देवी है। पिता कन्हैया लाल लांबा की 15 वर्ष पूर्व कैंसर से देहांत हो चुका है। लांबा 2005 में सेना में भर्ती हुए थे, जिसके बाद वे हवलदार के पद पर जम्मू कश्मीर में तैनात थे। वे उद्धार और स्वाभाविक प्रवृत्ति के व्यक्ति थे। 

अंतिम यात्रा में ये रहे मौजूद

अंतिम यात्रा में एडीएम अनिल महला, एसडीएम बृजेश गुप्ता, तहसीलदार सतवीर यादव, बीडीओ राजूराम सैनी , विधायक सुरेश मोदी, प्रधान प्रतिनिधि विरेन्द्र यादव, सरपंच जयप्रकाश कस्वा, डिप्टी गिरधारीलाल शर्मा, पूर्व विधायक रमेश खण्डेलवाल, भाजपा नेता प्रमोद बाजौर, महावीर चक्र विजेता दिगेन्द्र सिंह, दौलत गोयल सहित अनेक लोगो ने पुष्प चक्र अर्पित कर सलामी दी।

Post a Comment

0Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
Post a Comment (0)
Neemkathana News

नीमकाथाना न्यूज़.इन

नीमकाथाना का पहला विश्वसनीय डिजिटल न्यूज़ प्लेटफॉर्म..नीमकाथाना, खेतड़ी, पाटन, उदयपुरवाटी, श्रीमाधोपुर की ख़बरों के लिए बनें रहे हमारे साथ...


#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !