ग्राउंड रिपोर्ट-दीपक सिंह
नीमकाथाना न्यूज़ @पाटन। उपखण्ड क्षेत्र में ओवरलोड वाहनों के कारण आए दिन सडक दुर्घटनाओं की संख्या बढती जा रही है। ओवरलोड वाहन चालकों पर कार्यवाही नहीं होने से नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। क्षेत्र में मुख्य मार्गों पर ओवरलोड वाहन बेखौफ दौड रहे हैं जिनपर स्थानीय विभाग व पुलिस प्रशासन का कोई रोक-टोक नहीं दिखाई दे रहा है। पाटन कस्बे व आस पास के इलाकों में खनन क्षेत्र होने के कारण पत्थरों, रोडियों, डस्ट से भरे ओवरलोड ट्रक एवं डंपर दिन-रात सड़कों पर दौड़ रहे हैं तथा इससे सड़क तो टूटती हैं ही साथ में सरकार के राजस्व को भी नुकसान हो रहा है। ओवरलोड वाहनों के कारण कस्बे में आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं।
आए दिन हो रहे है हादसे, लेकिन फिर भी कार्रवाई नहीं
गौरतलब है कि विगत दिनों सदर थाना अंतर्गत गणेश्वर के पास ट्रक एवं बोलेरो की आमने-सामने की भिड़ंत हो गई थी हादसे में बोलेरो चालक की मौके पर मौत हो गई, जबकि साथी वकील गंभीर रूप से घायल हो गया था। वहीं दो दिन पूर्व गणेश्वर के कालीकाला के पास तेज रफ्तार डंपर ने एक 5 साल की बालिका को कुचल दिया था इस तरह के बहुत से मामले घटित होते रहते है जिनको कागजों में समेट दिया जाता है।
तीन वर्षों में साढ़े तीन सौ से ज्यादा सड़क हादसों में 147 लोगों ने गंवाई जान
पिछले तीन वर्ष के दौरान कई सडक दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें लोगों की मौतों का आंकड़ा भी चौकाने वाला हैं। उपखंड क्षेत्र में अबतक करीब 351 सड़क हादसे घटित हो चुके। जिसमें करीब 147 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी वहीं 280 लोग घायल हो चुके हैं। यह आंकड़े बहुत चौकाने वाले हैं। प्रशासन द्वारा सड़क किनारे सावधानियों के बोर्ड भी लगाए जाते हैं लेकिन इसके बाद भी सड़कों पर चल रहे ओवरलोड वाहनों पर कोई रोक नहीं है। यही नहीं अधिकांश ट्रक चालक नाबालिग होते हैं। वहीं अधिकांश ओवरलोड वाहन पुलिस की नाक के नीचे से गुजरते रहते है।
क्षमता से अधिक भार, सड़कों की मार
आपको बता दें कि ट्रकों में 32 से 35 टन माल परिवहन किया जा रहा है। सड़कों के भार सहने की क्षमता निर्धारित है परन्तु इससे अधिक भार होने पर सड़कें समय से पहले उधडने लगती हैं। खराब सड़कों की बड़ी वजह ओवरलोड वाहन है। खराब सड़कों के कारण हादसे भी बढ़ रहे हैं क्योंकि सड़कें निर्धारित समय से पहले ही टूट रही हैं।
नियमों को ताक में रख, क्षमता से अधिक दौड़ रहे ओवरलोड वाहन
जानकारी के मुताबिक परिवहन विभाग के नियमानुसार 10 चक्कों वाले वाहन में 25 टन, 12 चक्के वाले वाहन में 31 टन व 18 चक्कों वाले वाहन में 35 टन का सामान ले जाया जा सकता है। चार चक्कों वाले वाहन में तो सिर्फ 7 टन का वजन ले जाने की ही इजाजत है, पर ऐसा होता नहीं। वाहन चालक क्षमता से अधिक वजन लेकर चलते हैं। इससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।
इनका कहना है
परिवहन विभाग की अधिकारी डीटीओ भारती नैथानी का कहना है कि पिछले वित्तीय वर्ष में 1771 चालान के 164.24 लाख वसूले गऐ थे तथा ई-रवन्ना के 220 चालान से 75.92 लाख का जुर्माना वसूला गया है। वहीं इन ओवरलोड वाहनों पर लगातार विभाग द्वारा कार्यवाही की जा रही है वहीं हमारी एसएसओ साईट से माईनिंग विभाग की वेबसाइट से जोड दिया गया है जिससे एसएसओ आईडी से वाहनों को ब्लाॅक किया जाता है तथा ई-रवन्ना से जुर्माना वसूला जाऐगा।