बीएसटीसी की परीक्षा से 2 घंटे पहले पेपर हुआ आऊट, हाथ से लिखी आंसर-की वायरल, 200 सवाल हूबहू मिले

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बाड़मेर से आउट हुआ पेपर, 10 से 20 हजार रुपए में बिका, जनजातीय विश्वविद्यालय ने नहीं माना आउट

सीकर- बीएसटीसी का पेपर रविवार को परीक्षा से दाे घंटे पहले आउट हो गया। शहर में पेपर की सी सीरीज की बुकलेट की फोटोकॉपी दोपहर 12 बजे वॉट्सएप ग्रुपों पर वायरल हो गई, जबकि पेपर 2 बजे से था। पेपर की हाथ से लिखी आंसर की भी वॉट्सएप ग्रुपों पर थी। वायरल पेपर पर 200 सवाल हूबहू मिले।


मीडिया रिपोर्टर को वायरल पेपर और उसकी हाथ से लिखी आंसर की मिली। सीकर के फर्स्ट रैंक क्लासेज के निदेशक पूर्व असिस्टेंट कमांडेंट बीएल रेवाड़ ने मीडिया को यह वायरल पेपर उपलब्ध कराया। मीडिया ने इसे सीकर के परीक्षा समन्वयक एसके गर्ल्स कॉलेज के डॉ. भूपेंद्र कुमार दुल्लड़ को वॉट्सएप किया और फोन कर इसकी सूचना दी।

सूचना के बावजूद उन्होंने वाॅट्सएप चैक तक नहीं किया। जनजातीय विश्वविद्यालय, बांसवाड़ा के कंट्रोल रूप में सूचना दी। वहीं विवि. के रजिस्ट्रार और परीक्षा प्रभारी सोहनलाल कटार को वॉट्सएप पर पेपर भेजा। विवि ने पेपर आउट नहीं माना है। बाड़मेर, जोधपुर, जयपुर सहित कई जिलों में पेपर 10 से 20 हजार में बेचे गए। बाड़मेर में पुलिस ने 6 लोगों को हिरासत में लिया।

बाड़मेर के एक बड़ी होटल से नकल गिरोह ने पेपर को हल कर कर अभ्यर्थियों को महंगे दाम पर बांटा था। पेपर खरीदने वाले कुछ अभ्यर्थियों ने इसे वॉट्सएप पर वायरल कर दिया।

एसओजी, पुलिस, विवि सबको सूचना दी, किसी ने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया 

सीकर के फर्स्ट रैंक क्लासेज के निदेशक पूर्व असिस्टेंट कमांडेंट बीएल रेवाड़ को सुबह 10 बजे जोधपुर से एक फोन आया कि बीएसटीसी का पेपर बाड़मेर में लीक होगा और यहां से पेपर जयपुर, जाेधपुर सहित कई जिलों में जाएगा। जहां गिरोह के दलालों ने सैकड़ों परीक्षार्थियों को एक जगह बैठा रखा है। गिरोह बाड़मेर और जोधपुर में बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर गाड़ियां भेज-भेज कर सभी परीक्षार्थियों को गुप्त जगह एकत्रित कर रहा है।

पुलिस-एसओजी और विवि ने भी कोई कार्रवाई नहीं की :

इसके बाद रेवाड़ ने इसकी जानकारी एसीबी जोधपुर के एसपी अजय लांबा को दी। पुलिस, एसओजी, एसीबी, परीक्षा आयोजित करवाने वाला जनजातीय विवि. बांसवाड़ा कोई कार्रवाई नहीं कर सके। जिसका नतीजा रहा कि बीएसटीसी की सी सीरीज का हूबहू पेपर आउट हो गया। मामले में एसपी अजय लांबा का कहना हैकि मुझे दोपहर एक बजे सूचना मिली थी। रेवाड़ ने पेपर आउट करने वाले जिन व्यक्तियों के नंबर दिए, उनकी लोकेशन जांच में दूसरी जगह की मिली। उनको बाड़मेर या सीकर एसपी को सूचना देनी चाहिए थी।

एसओजी से जवाब मिला-रविवार को टीम नहीं रहती है : 

सूचना मिलते ही रेवाड़ ने जयपुर के एसओजी कार्यालय में फोन कर पेपर आउट करने वाले गिरोह की जानकारी, गाड़ियों के नंबर, फोन नंबर व गिरोह के सरगना के नंबर तक बताए। रेवाड़ का कहना है कि वहां जवाब मिला कि आज रविवार है और रविवार को कोई टीम तैयार नहीं रहती है।

अधिकारियों के नंबर देने से भी मना कर दिया। एसओजी आईजी दिनेश एमएन का कहना है कि एसओजी कार्यालय में किसी ने फोन करके सूचना दी थी तो हमें इसके बारे में पता जरूर चलता। सूचना देने वाले को कार्यालय से संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो उन्हें सीकर के स्थानीय थाने व एसपी को सूचना देनी चाहिए थी। मुझे इस मामले की जानकारी नहीं है।

...और अब भी पेपर आउट मानने को तैयार नहीं जिम्मेदार अधिकारी 

जिस वक्त हमें वॉट्सएप पर पेपर और इसकी आंसर की भेजी थी। हम उस समय काफी बिजी थे। पेपर हूबहू आउट हुआ है तो इसकी जांच करवाएंगे। अभी पेपर को आउट नहीं मान सकते। पेपर आउट होने की सूचना सुबह से ही कंट्रोल रूम और हमारे पास आ रही थी। हमारे उड़न दस्ते सतर्क थे। यदि बाड़मेर से पेपर आउट हुआ है तो जांच कराई जाएगी। सोहनलाल कटार, रजिस्ट्रार एवं परीक्षा प्रभारी, जनजातीय विश्वविद्यालय, बांसवाड़ा 

मीडिया ने वॉट्सएप पर वायरल हुआ पेपर भेजा था लेकिन पेपर व्यवस्था में व्यस्त होने के कारण नहीं दे पाया। इसकी सूचना जनजातीय विश्वविद्यालय बांसवाड़ा को देंगे। डॉ. भूपेंद्र कुमार दुल्लड़, परीक्षा समन्वयक
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