नीमकाथाना न्यूज़
स्पेशल रिपोर्ट क्राईम ब्यूरो चीफ मनीष टांक।
कस्बे में राज्य सरकार के लोक सेवक अपने पद्य कर्तव्यों के निर्वहन प्रति कितने घोर लापरवाह व उदासीन है इसका उदाहरण देखना हो तो शहर के खेतड़ी रोड गोपाल गौशाला के पास स्थिति सार्वजनिक निर्माण विभाग की रिकॉर्ड दर्ज भूमि पर किए गए अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई को लेकर देखा जा सकता है।
राजकीय सेवा में कार्यरत लोक सेवक सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कराने में अतिक्रमण धारियों के साथ मिलकर अपना पूरा सहयोग करते हैं, इतना ही नहीं लोक सेवकों को चाहे कितनी ही बार उच्च अधिकारियों एवं सरकार के दिशा निर्देश मिले लेकिन लोक सेवक अपने पद कर्तव्यों के निर्वहन करने के बजाए राजकीय भूमि पर अतिक्रमण करने वालों के साथ अपना पूरा सहयोग एवं स्नेह रखते हैं, कस्बे के खेतड़ी रोड सार्वजनिक निर्माण विभाग की करोड़ों रुपए बेशकीमती भूमि स्थित है। जिस पर अतिक्रमण करने को लेकर मई 2017 में नगर पालिका प्रशासन को सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर परिवाद दर्ज कराया गया था।
तीन साल 6 महिने बाद भी प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों ने अतिक्रमण के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की। सामाजिक कार्यकर्ता परिवादी हरीश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि खेतड़ी रोड पर सरकारी भूमि पर अतिक्रमण को लेकर उपखंड अधिकारी, अधिशासी अभियंता सार्वजनिक निर्माण विभाग, नगर पालिका प्रशासन एवं जिला कलेक्टर को परिवार दर्ज करवाया गया था, लेकिन किसी ने भी अतिक्रमण के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जिसके बाद लोकायुक्त महोदय को उक्त अतिक्रमण को लेकर जनवरी 2019 में उपखंड अधिकारी नीमकाथाना, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका नीम का थाना, अधिशासी अभियंता सार्वजनिक निर्माण विभाग के खिलाफ पद कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही करने को लेकर परिवाद दर्ज करवाया गया था।
लोकायुक्त के आदेश बाद तत्कालीन उपखंड अधिकारी नरेश तंवर के द्वारा प्रकरण में कार्यवाही करते हुए 18 फरवरी 2019 को जिला कलेक्टर सीकर को भेजी जांच रिपोर्ट में बताया कि नगरपालिका नीमकाथाना द्वारा अतिक्रमण हटाने के आदेश पारित कर दिए गए , पुलिस जाब्ता मिलने पर आगामी 15 दिवस में अतिक्रमण हटा दिया जाएगा, लेकिन आज करीब 18 माह बीत जाने के बाद भी किसी भी लोक सेवा ने सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करने वाले के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की।
मिली जानकारी अनुसार प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी तहसील कार्यालय , सार्वजनिक निर्माण विभाग एवं नगर पालिका के मध्य पत्र व्यवहार ही करते रहे किसी ने भी अपने अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं किया, मिली जानकारी अनुसार गुरुवार को सार्वजनिक निर्माण विभाग की भूमि पर अतिक्रमण करने वाले ने स्वयं ही जेसीबी की सहायता से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही करते हुए लीपापोती कर ली, सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार शहर के एक जनप्रतिनिधि के दबाव के चलते प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी कर्मियों ने अतिक्रमण धारी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की, जबकि साढे 3 साल अतिक्रमण धारी को सहयोग करते नजर आए।
पीडब्ल्यूडी अधिकारियों की लापरवाही के चलते मौके से नहीं हटा अतिक्रमण
प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी एवं कर्मचारियों की उदासीनता के चलते सार्वजनिक निर्माण विभाग की करोड़ों रुपए बेशकीमती भूमि पर आज भी मौके पर अतिक्रमण है , विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को कई बार सूचना देने के बाद भी सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जाती है, राजनीतिक एवं धनबल के दबाव के चलते विभाग के कर्मचारी सार्वजनिक निर्माण विभाग की सड़क की जमीन पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ नतमस्तक नजर आते हैं, आज भी गोपाल गौशाला के सामने निर्माण विभाग की बेशकीमती जमीन पर मौके पर अतिक्रमण है लेकिन विभाग कार्यवाही करने के बजाय अपनी आंखें मूंद कर बैठा है,
इनका कहना है-
" सार्वजनिक निर्माण विभाग की भूमि पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को लेकर जानकारी मांगी तो सहायक अभियंता ने बताया कि अतिक्रमण विभाग हटाए या अतिक्रमण धारी स्वयं हटाए इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है मौके पर अतिक्रमण तो हट ही गया है, आधा अधूरा अतिक्रमण हटने की जानकारी चाही तो कहां कि दुबारा शिकायत कर सकते हो अतिक्रमण तो ऐसे ही हटता है "
खेताराम
सहायक अभियंता पीड्ल्यूडी।
"पालिका प्रशासन के द्वारा किसी भी प्रकार का कोई अतिक्रमण नहीं हटाया गया है सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा अतिक्रमण हटाने को लेकर सहयोग मांगा गया था जिस पर विभाग को सहयोग के लिए सूचना दे दी गई है,"
सूर्यकांत शर्मा
अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका।